देश में सुख, सौहार्द, स्वास्थ्य, शांति से जन – समाज का जीवन मंगलमय हो तुलसी पूजन से बुद्धिबल, मनोबल, चारित्र्यबल व आरोग्यबल बढ़ेगा,मानसिक अवसाद, आत्महत्या आदि से लोगों की रक्षा होगी और लोगों को भारतीय संस्कृति के इस सूक्ष्म ऋषि – विज्ञान का लाभ मिलेगा 'जिस घर में तुलसी का बगीचा होता है अथवा प्रतिदिन पूजन होता है उसमें यमदूत प्रवेश नहीं करते ' तुलसी की उपस्थिति मात्र से हलके स्पंदनों, नकारात्मक शक्तियों एवं दुष्ट विचारों से रक्षा होती है।'गरुड पुराण' के अनुसार 'तुलसी का वृक्ष लगाने, पालन करने, सींचने तथा ध्यान, स्पर्श और गुणगान करने से मनुष्यों के पूर्व जन्मार्जित पाप जलकर विनष्ट हो जाते हैं।
ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने से तथा पूजा के स्थान पर गंगाजल रखने से बरकत होती है।
'तुलसी पूजन दिवस के दिन शुद्ध भाव व भक्ति से तुलसी के पौधे की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता दूर होती है।'
भारत में ही नहीं वरन् विश्व के कई अन्य देशों में भी तुलसी को पूजनीय व शुभ माना गया है । ग्रीस में इस्टर्न चर्च नामक सम्प्रदाय में तुलसी की पूजा होती थी और सेंट बेजिल जयंती के दिन 'नूतन वर्ष भाग्यशाली हो' इस भावना से देवल में चढाई गयी तुलसी के प्रसाद को स्त्रियाँ अपने घर ले जाती थीं ।एक डॉक्टर ने कहा है : “तुलसी एक अद्भुत औषधि है, जो ब्लडप्रेशर व न, रक्तक की वृद्धि एवं मानसिक रोगों में अत्यंत लाभकारी है ।”
तुलसी शरीर के लगभग समस्त रोगों में अत्यंत असरकारक औषधि है। यह प्रदूषित वायु का शुद्धिकरण करती है तथा इससे प्राणघातक और दु:साध्य रोग भी ठीक हो सकते हैं । प्रात: खाली पेट तुलसी का रस पीने अथवा 4-5 पत्ते चबाकर पानी पीने से बल, तेज और स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है । तुलसी गुर्दे की कार्यशक्ति को बढ़ाती है । कोलेस्ट्रोल को सामान्य बना देती है । ह्रदयरोग में आश्चर्यजनक लाभ करती है। आँतों के रोगों के लिए तो यह रामबाण है। नित्य तुलसी – सेवन से अम्लपित्त (एसिडिटी) दूर हो जाता है, मांसपेशियाँ का दर्द, सर्दी-जुकाम, मोटापा, बच्चों के रोग विशेषकर कफ, दस्त, उलटी, पेट के कृमि आदि में लाभ होता है । 'तुलसी हिचकी, खाँसी, विषदोष, श्वास रोग और पार्श्वशूल को नष्ट करती है । वह वात, कफ और मूँह की दुर्गंध को नष्ट करती है ।' घर की किसी भी दिशा में तुलसी का पौधा लगाना शुभ व आरोग्यरक्षक है । 'तुलसी के निकट जिस मंत्र – स्तोत्र आदि का जप पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है । ''मृत्यु के समय मृतक के मुख में तुलसी के पत्तों का जल डालने से वह सम्पूर्ण पापों से मुक्त होकर भगवान विष्णु के लोक में जाता है ।' प्रतिदिन तुलसी या देशी गाय की परिक्रमा करे तो उसके शरीर में धनात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जिससे शरीर पर रोगों के आक्रमण की सम्भावना भी काफी कम हो जाती है।