आज के सोशियल मीडिया व टेलीविजन क्रान्ति के युग मे नई पीढ़ी हमारे प्राचीन रीति रिवाज व रामलीला व पांडव लीला से ड्रामा से वंचित होते जा रहे थे। पहाड़ो पर रामलीला का मंचन देरी से होने का मुख्य कारण देर से लंका विजय की सूचना का मिलना व खेत खलियान से अनाज की पैदावार को घर मे पहुंचा कर तसल्लीबख्श रामलीला का मंचन करते है। लेकिन 90 के दशक से अधिकार गाॅवो में रामलीलाओं का मंचन बन्द सा हो गया था। लेकिन अब जब अयोध्या में रामजन्म भूमि पर रामजी का भब्य मंदिर बनने जा रहा है। इसी कड़ी में यमकेस्वर विकास खण्ड के आवई -माला के प्रबुद्धजनों ने एकजुट होकर अपनी गाँव की रामलीला का मंचन जारी रखा है। जो लगभग 80-90 साल से हर दूसरे साल रामलीला का मंचन करते आ रहे हैं ।
श्रीरामलीला कमेटी आवई - माला, उदयपुर विकास खण्ड यमकेश्वर में इस बार श्रीरामलीला का भब्य मंचन आज 17 नवम्बर 2019 नारद लीला से शुभारम्भ और 26 नवम्बर 2019 को रावण वध के बाद प्रभु श्रीराम जी का भव्य राजतिलक होगा।
इस रामलीला को देखने हेतु दूर दूर से लोगों का ताॅता लगा रहता है, और खाश बात यह भी है कि जहाँ एक ओर लोग पलायन होने पर अपने गाँव की तरफ ध्यान नहीं देते, वहीं दूसरी तरफ यहाँ के ग्राम वासियों की एकजुटता, क्षेत्र के अन्य गाँवों को मिशाल बनी रहती है, रामलीला के सफल मंचन हेतु दानदाता भी देश भर से अपना समर्थन के साथ साथ दानस्वरूप
अपनी ओर से धनराशि रामलीला कमेटी को भेज रहे है। जिनमें एक दानदाता श्री सत्येश चन्द्र कुकरेती पुुत्र श्री रूपचन्द्र कुकरेती निवाासी आवई माला, यमकेश्वर ने अपने स्वर्गीय माँ जी पिताजी के स्मरण में पचास हजार (50000) रूपये की धनराशि श्रीरामलीला कमेटी को साउंड सिस्टम के लिये भेंट किया है। वर्तमान मेंं इस रामलीला कमेटी के अध्यक्ष श्री नीलकंठेश्वर उनियाल,संरक्षक श्री दिगम्बर सिंह रावत, प्रबंधक श्री राजेन्द्र सिंह बिष्ट, उपप्रबंंधक श्री प्यारे सिंह चौधरी हैं ।