आवई माला की आज की रामलीला में सीता जी का हरण

यमकेश्वर क्षेत्र के आवई माला गाँव में 70 के दशक से मानी जानी वाली ऐतिहासिक रामलीला में आज की रामलीला हे खग-मृग हे मधुकर श्रेणी, तुम्ह देखी सीता मृगनैनी...व्याकुल अवस्था में भगवान श्रीराम वन में सीता जी को खोजते हुए पशु पक्षियों से पूछते हैं। इस लीला को देख दर्शक भाव विभोर हो जाते हैं।रामलीला मंच पर शुक्रवार को खरदूषण बध, से लेकर सीताहरण लीला का मंचन हुआ। लीला में चित्रकूट से प्रभु पंचवटी के लिए प्रस्थान करते हैं। यहां लंकापति रावण की बहन सूर्पनखा राम के सौंदर्य से प्रभावित होकर विवाह का प्रस्ताव रखती है। लक्ष्मण उसके नाक-कान काट देते हैं, वह रोती हुई खरदूषण, त्रिसरा के पास अपनी व्यथा बताती हैं। श्रीराम खरदूषण त्रिसरा का वध कर देते हैं। इसके बाद सीता हरण लीला का मंचन होता है। इस लीला में रावण, शूर्पनखा, राम-लक्ष्मण सीता, खर-दूषण सहित समस्त पात्रों का बेहतरीन अभिनय रहा। दूर दराज के गांवों से आये हुए लोगों ने भी आज की लीला का लुप्त उठाकर अभिनय करने वाले पात्रों को खूब ईनाम की राशि भेंट स्वरूप प्रदान की।